सोमवार, 26 नवंबर 2012

राजनीतिक वर्चस्ववाद के दांव पर अंबेडकर स्मारक

रंगभेदी व्यवस्था के वर्चस्ववाद को यथावत बनाये रखने और उसे महिमामंडित करने के लिए मूर्तियां और स्मारक बेहद अनिवार्य हैं। व्यक्ति की मूर्ति बनाकर उसकी विचारधारा और उसके मिशन को तिलांजलि देने का श्राद्धकर्म सबसे महान कर्मकांड है, जिसकी जनमानस में अमिट छाप बन जाती है।

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राजनीतिक वर्चस्ववाद के दांव पर अंबेडकर स्मारक

बुधवार, 21 नवंबर 2012

एक दिन जमीन को लील लेंगे पूंजी के दलाल और सत्ता के काले लोग

एक दिन जमीन को लील लेंगे पूंजी के दलाल और सत्ता के काले लोग

कला विधाओं का कोलाज है श्रीनिवास श्रीकान्त का रचनाकार

कला विधाओं का कोलाज है श्रीनिवास श्रीकान्त का रचनाकार

खन्नात की नरबदिया आर्मो

खन्नात की नरबदिया आर्मो

यूपी को गुजरात नहीं बनने देगी भाकपा

यूपी को गुजरात नहीं बनने देगी भाकपा

राहुल को जिम्मा देने के अलावा चारा भी क्या था?

राहुल को जिम्मा देने के अलावा चारा भी क्या था?

शनिवार, 17 नवंबर 2012

सती महिमा से खाप सत्ता तक

सती महिमा से खाप सत्ता तक

विश्व भूख सूचकांक में भारत : भूख, कुपोषण से मुक्त कराने के प्रचार की धोखाधड़ी

विश्व भूख सूचकांक में भारत : भूख, कुपोषण से मुक्त कराने के प्रचार की धोखाधड़ी

जेम्स बॉन्ड की राजनीति

जेम्स बॉन्ड की राजनीति

शुक्रवार, 16 नवंबर 2012

लोनिया टोला में पकड़े गए दंगाई –एक पहलु ये भी !

लोनिया टोला में पकड़े गए दंगाई –एक पहलु ये भी !

जोड़ों के चोट के लिए आर्थोस्कोपी काफी कारगर

जोड़ों के चोट के लिए आर्थोस्कोपी काफी कारगर

स्वार्थप्रेरित होती पाँव छूने की परंपरा

स्वार्थप्रेरित होती पाँव छूने की परंपरा

खाप गोत्र के सवाल विज्ञान के आइने में

खाप गोत्र के सवाल विज्ञान के आइने में

हेल्पलाइन तो ठीक पर मुख्यमन्त्री महोदय…….

हेल्पलाइन तो ठीक पर मुख्यमन्त्री महोदय…….

शनिवार, 10 नवंबर 2012

नौ महीने में केवल दस दंगे : जियो मेरे युवराज

ये हालात सिर्फ इसलिये पैदा हो रहे हैं कि अफसरों का इकबाल खत्म हो चुका है। कानून-व्यवस्था के लिए सरकार लम्बा समय नहीं मांग सकती। वास्तविकता यह है कि मुख्यमंत्री अथवा प्रधानमंत्री का तेवर देख कर ही अधिकारियों के काम करने का रवैया बदल जाता है और अगर तेवर दिखाने के लिए भी समय की जरूरत हो, तो इस पर आश्चर्य जरूर होता है।

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नौ महीने में केवल दस दंगे : जियो मेरे युवराज

गुरुवार, 8 नवंबर 2012

राहें चार अभियानों की

"अन्ना के अभियान से लाखों लोग इसलिए नहीं जुड़े कि वे लोकपाल कानून को अपने सभी दुखों की रामबाण दवा समझते थे। वे इसलिए जुड़े थे कि इसमें उन्हें अनंत संभावना दिख रही थी। इस संभावना को अन्ना की टीम ने बंटे दिमाग के कारण भंवर में फंसा दिया है। जो कल तक अन्ना की टीम थी, वह अब अन्ना की प्रतिद्वंद्वी है।"

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राहें चार अभियानों की

सोमवार, 5 नवंबर 2012

विशेष राज्य का दर्ज़ा बाद में, पहले नवरुणा दिलाओ सुशासन बाबू

बिहार के मुख्यमंत्री सुशासन बाबू जिस समय पटना में अधिकार रैली करके दहाड़ रहे थे ठीक उसी समय मुजफ्फरपुर के छात्र मुजफ्फरपुर से अपहृत ११ वर्षीय नववरूणा का 44 दिन बीतने के बाद भी पता न चलने पर दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना देकर बिहार में बढ़ती हत्या, बलात्कार और अपहरण की घटनाओं पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए सरकार से मांग कर रहे थे कि आम बिहारियों कि सुरक्षा सरकार सुनिश्चित करें..................Read Moreon hastakshep.com
विशेष राज्य का दर्ज़ा बाद में, पहले नव वरुणा दिलाओ सुशासन बाबू

भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन के शोर में गुम न हो जाय, इरोम शर्मिला की आवाज

इरोम शर्मिला ने जब भूख हड़ताल की शुरुआत की थी, उस वक्त वे 28 साल की युवा थीं। कुछ लोगों को लगा था कि यह कदम एक युवा द्वारा भावुकता में उठाया गया है। लेकिन समय के साथ इरोम शर्मिला के इस संघर्ष की सच्चाई लोगों के सामने आती गई। जिस अंधियारे के विरुध्द इरोम शर्मिला का संघर्ष है, इसमें उनके साथ कुछ भी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन के शोर में इरोम शर्मिला की आवाज गुम न हो जाय, यह सुनी व समझी जाय तथा इसके पक्ष में जनमत तैयार हो।................................Read More on hastakshep.com
भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन के शोर में गुम न हो जाय, इरोम शर्मिला की आवाज

हर कोई अयोध्या के धोबी की भूमिका निभाने को आतुर है

क्या भ्रष्टाचार ही हमारे राष्ट्रीय जीवन का एकमात्र मुद्दा बच गया है। अगर ऐसा है तो सार्वजनिक जीवन में शुचिता कायम करने के नाम पर हाल-हाल में जो आंदोलन हुए वे क्यों असफल हो गए।.................................................अरविंद केजरीवाल अपनी राजनीतिक पहचान बनाने के लिए व्यग्र हैं। राबर्ट वाड्रा के बहाने सोनिया गांधी पर हमला करने से उन्हें मीडिया में प्रचार और सस्ती लोकप्रियता मिल सकती है। शायद इसीलिए उन्होंने कानूनी कार्रवाई के बजाय मीडिया ट्रायल का रास्ता चुना।.....................................Read More on hastakshep.com
हर कोई अयोध्या के धोबी की भूमिका निभाने को आतुर है

कोड ऑफ साइलेंस बन गया है सेल्फ रेगुलेशन

कोड ऑफ साइलेंस बन गया है सेल्फ रेगुलेशन

समन्वय भाषाई सम्मान 2012 कँवल भारती को

समन्वय भाषाई सम्मान 2012 कँवल भारती को

भारत-चीन व्यापार की चिंताएं और संभावनाएं

भारत-चीन व्यापार की चिंताएं और संभावनाएं