गुरुवार, 25 अक्तूबर 2012
पार्टनर आपकी पाॅलिटिक्स क्या है ?
तरुण भटनागर लिखते हैं कि ‘‘बस्तर में लूट मची है, शोषण, अन्याय और अत्याचार है।’’ लेकिन यह सब कौन कर रहा है और इसके पीछे कौन है ? इस पर वे एक बार फिर अपनी कहानी और पत्र दोनों ही जगह खामोश रहते हैं। कहीं कोई जरा सा भी इशारा नहीं। या यूं कहें, जानते हुए भी असल सवालों से किनाराकशी है। भटनागर यदि जरा सा भी तटस्थ होते, तो वे इस शोषण, अन्याय और अत्याचार के पीछे छिपे असली चेहरों को आसानी से पहचान लेते। उनकी इस बात से शायद ही कोई इत्तेफाक जतलाए कि जंगल में पहले आंदोलन पहुंचा। सच बात तो यह है कि आंदोलन से बहुत पहले सरकार पहुंच चुकी थी। वह भी अपने शोषणकारी चेहरे के साथ।
वेबसाइट संचालक अमलेन्दु उपाध्याय 30 वर्ष से अधिक अनुभव वाले वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने राजनैतिक विश्लेषक हैं। वह पर्यावरण, अंतर्राष्ट्रीय राजनीति, युवा, खेल, कानून, स्वास्थ्य, समसामयिकी, राजनीति इत्यादि पर लिखते रहे हैं।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें