जीवन जीने के संसाधनों के असमान वितरण के कारण देश में 35 अरबपतियों के चलते अस्सी करोड़ गरीब अपने हक से वंचित हो गए हैं। देश में 24 करोड़ लोग भूमिहीन हैं। सरकार की प्राथमिकता लोगों को भूमि स्वामी बनाने की नहीं बल्कि भूमिहीन करने की है। यही कारण है कि केंद्र सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण कानून के जरिए किसानों की जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया आसान की जा रही है। भूमि सुधार के बिना अधिग्रहण कानून में संशोधन का मकसद जल, जंगल जमीन और आजीविका के हक हकूक की लड़ाई को खत्म करना!
जिंदा कौमें वक्त बदलने का इंतजार नहीं करतीं, वक्त बदल देती हैं! हमे अपने हक की लड़ाई खुद ही लड़नी होगी और इसके लिए एकजुट होकर अपनी ताकत का एहसास कराना होगा।
जब इस कब्रिस्तान में जाग उठेंगे खेत! आमीन
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