यह खबर लिखे जाने तक इस फ्लू से मरने वालों की संख्या 17 हो चुकी है जबकि लगभग 1200 लोग अब तक इसकी चपेट में आ चुके हैं। दरअसल, स्वाइन फ्लू सुअरों में होने वाली सांस संबंधी एक अत्यंत संक्रामक बीमारी हैआमतौर पर यह बीमारी सुअरों में ही होती है लेकिन कई बार सुअर के सीधे सम्पर्क में आने पर यह मनुष्यों में भी फैल सकती है। बलगम और छींक के सहारे यह मनुष्य से मनुष्य में फैल सकती है। स्वाइन फ्लू से दुनिया भर में करीब 1 .62 लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं। स्वाइन फ्लू से 7 मौतें होने के बाद प्राानमंत्री कार्यालय भी हरकत में आ गया। अब हालात पर उसकी सीधी नजर रहेगी। अभी तक निजी क्षेत्र के अस्पतालों को इस इलाज से दूर रख रही सरकार ने अब इस वाइरस एच-1एन-1 की जांच के लिए निजी अस्पतालों को शामिल करने की भी तैयारी कर ली है।
स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने मंत्रालय की बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि सरकार अतिरिक्त 22,000 टेस्टिंग किट और दो करोड़ टैमीफ्लू टेबलेट आयात करेगी। आजाद ने कहा कि अमेरिकी कंपनी के किट काफी महंगे हैं इसलिए आईएमए इस तरह के किट विकसित करने पर काम कर रही है जिससे किट की लागत कम होगी। समझा जाता है कि स्वाइन फ्लू के फैलने का एक कारण सरकार की उदासीनता और निष्क्रियता भी है जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी चेतावनी 5 अप्रैल को ही दे दी थी।
'वाशिंगटन पोस्ट' ने वांडर बिल्ट यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन में इंफ्लूएंजा विशेषज्ञ विलियम स्कारफनर के हवाले से अप्रैल के शुरुआती हफ्ते में ही बताया था कि स्वाइन फ्लू का नया प्रकोप भारत समेत गरीब देशों को अपनी चपेट में ले सकता है। लेकिन इस चेतावनी का भारत सरकार पर कोई असर नहीं हुआ और सरकार ने इससे निपटने के लिएर् कारगर उपाय नहीं किए। स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद की कार्यप्रणाली इस समय देशवासियों के निशाने पर है।
आजाद के एक बयान से समझा जा सकता है कि सरकार स्वाइन फ्लू को लेकर कितनी सतर्क और सजग थी। बताया जाता है। कि आजाद ने एक-न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि दो चार मौतों से दहशत नहीं फैलती, और मुल्कों में तो एक दिन में एक लाख लोगों को स्वाइन फ्लू फैला। स्वास्थ्य मंत्री के इस गैर जिम्मेदाराना वक्तव्य से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह अभी इस फ्लू के और फैलने का इंतजार कर रहे
Saavdhaani hi bachaav.
जवाब देंहटाएंThink Scientific Act Scientific
bahut acha
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